दुनियाभर में अब तक कोरोना वायरस से नौ करोड़ 54 लाख से भी अधिक लोग संक्रमित हो चुके हैं जबकि मौतों का आंकड़ा भी 20 लाख के पार चला गया है। कई देशों में इस वायरस के खिलाफ टीकाकरण अभियान चलाए जा रहे हैं, जिसमें भारत समेत ब्रिटेन, अमेरिका और इस्रायल जैसे देश शामिल हैं। हालांकि कई जगहों पर वैक्सीन के साइड-इफेक्ट भी देखने को मिल रहे हैं। इस्रायल में तो साइड-इफेक्ट का हैरान करने वाला मामला सामने आया है। दरअसल, यहां टीका लेने के बाद 13 लोग फेशियल पैरालिसिस (आधे चेहरे का लकवा) से जूझ रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यहां के स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि देश में इसके मामले अधिक भी हो सकते हैं।
रिपोर्ट से पता चला कि इस्रायल में डॉक्टर अब यह विचार कर रहे हैं कि ऐसे लोगों को वैक्सीन की दूसरी खुराक दी जाए या नहीं। हालांकि मंत्रालय ने डॉक्टरों से आग्रह किया है कि अस्थायी पक्षाघात दूर होने पर दूसरी खुराक वाले लोगों को टीका लगाएं। दरअसल, इस्रायल ने पिछले महीने यानी दिसंबर 2020 में अपने यहां टीकाकरण अभियान की शुरुआत की थी और तब से डॉक्टर यहां 60 वर्ष की आयु के लगभग 72 फीसदी लोगों को टीका लगा चुके हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस्रायल में कोरोना का टीका लेने वाले एक व्यक्ति ने बताया, ‘कम से कम 28 घंटों तक मैं फेशियल पैरालिसिस (चेहरे का पक्षाघात) के साथ घूमता रहा। मैं यह नहीं कह सकता कि यह पूरी तरह से बाद में चला गया, लेकिन इसके अलावा मुझे और कोई दर्द नहीं था, सिवाय एक मामूली दर्द के, जहां इंजेक्शन लगाया गया था।
कुछ दिन पहले ब्रिटेन में भी ऐसा ही एक मामला सामने आया था, जिसमें एक व्यक्ति को फाइजर की वैक्सीन दी गई थी और उसके बाद उसे फेशियल पैरालिसिस (आधे चेहरे का लकवा) हो गया था। हालांकि पिछली रिपोर्टों के मुताबिक, कुछ दिनों में उसकी हालत ठीक हो गई थी।
हाल ही में नॉर्वे में कोरोना वैक्सीन का गंभीर साइड-इफेक्ट देखने को मिला है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यहां टीका लेने के तुरंत बाद 60 वर्ष और उससे अधिक उम्र के 23 लोगों की मौत हो गई। नॉर्वे के अधिकारियों ने बताया कि ऐसा इसलिए हुआ, क्योंकि उनमें एमआरएन वैक्सीन के सामान्य साइड-इफेक्ट विकसित हुए थे।