पंचायत चुनाव से पहले कानपुर जिले में 50 हजार बवालियों पर कार्रवाई होगी। उनको पाबंद करने के साथ ही जिला बदर किया जाएगा। गुप्त रिपोर्ट के मुताबिक चिह्नित उपद्रवी बवाल कर सकते हैं। इसलिए पहले ही उन पर कार्रवाई करके निष्पक्ष चुनाव की तैयारी शुरू हो गई है।
अप्रैल में पंचायत चुनाव प्रस्तावित है। हर ब्लॉक में करीब पांच हजार लोगों पर बवाल की आशंका को देखते हुए कार्रवाई की जाएगी। माफिया व बवालियों को चिह्नित करने की जिम्मेदारी लेखपाल और एलआईयू को दी गई है। थानास्तर पर कार्रवाई शुरू हो गई है। जिलाधिकारी आलोक तिवारी ने इसकी पुष्टि की।
प्रिटिंग प्रेस की हो रही निगरानी
गांव में माहौल बिगाड़ने के लिए छपी सामग्री के इस्तेमाल की आशंका है। इसलिए जिला प्रशासन-पुलिस हर प्रिटिंग प्रेस संचालक से बात करने का प्रयास कर रहे हैं। हिदायत दी जा रही है कि कोई भी आपत्तिजनक सामग्री न छापें। चुनाव में उपयोग होने वाले मतपत्र और उनके रंग को लेकर भी हिदायत दी गई है, जिससे मिलती-जुलती सामग्री छपवाकर किसी भी तरह से चुनाव का माहौल खराब न किया जा सके।
चुनाव से पहले जमा हो जाएंगे शस्त्र :
पंचायत चुनाव को लेकर पुलिस अफसरों को अलर्ट किया गया है। डीआईजी ने कहा कि चुनाव से पहले हर हाल में सभी लाइसेंसी हथियार जमा कराए जाएं। इसके लिए डीएम से समन्वय कर हथियार जमा कराएं जाएं। डीआईजी उपेंद्र कुमार अग्रवाल ने सहारनपुर, मुजफ्फरनगर और शामली के पुलिस अफसरों से गुगल मीट की। उन्होंने कहा कि गुरू रविदास जयंती, कुम्भ मेला हरिद्वार एवं आगामी पंचायत चुनाव की तैयारी शुरू करने को कहा। डीएम के साथ समन्वय स्थापित कर अपराधिक प्रवृत्ति वाले शस्त्र धारकों के विरुद्ध शस्त्र अधिनियम के अन्तर्गत निरस्तीकरण की लम्बित कार्यवाही पूर्ण करायी जाये। शस्त्रों को शत-प्रतिशत जमा कराने की कार्यवाही की जाये। चुनाव में कच्ची अवैध शराब का प्रचलन पर अंकुश लगाया जाए। उन्होंने कहा कि पंचायत चुनाव में शराब की तस्करी पर कार्रवाई हो। निरोधात्मक कार्यवाही करने से पहले प्रत्येक व्यक्ति का भौतिक सत्यापन अवश्य कर लिया जाये। वर्तमान प्रधान या प्रत्याशी के खिलाफ कोई विवाद हो तो इस संबंध में उच्चाधिकारियों को अवगत कराया जाए।