RISHIKESH :
कांवड़ यात्रा को लेकर प्रशासन के आदेश के बाद भी होटलों और ढाबों में रेट लिस्ट नहीं लग पाई। होटल और ढाबा संचालक कांवड़ियों से मनमानी वसूली कर रहे हैं। होटल और ढाबा संचालकों के अड़ियल रवैया के आगे खाद्य सुरक्षा विभाग के अधिकारी भी मौन है।
कांवड़ यात्रा की व्यवस्थाओं को लेकर प्रशासन और विभागीय अधिकारियों के बीच बैठकों का दौर चल रहा है। बैठक में अधिकारियों की जिम्मेदारी भी तय की गई। बैठक समाप्त होने के बाद अधिकारियों की लापरवाही के चलते प्रशासन के निर्देश हवा हवाई साबित हो रहे हैं। बीते मंगलवार को एसडीएम शैलेंद्र सिंह नेगी सभी दुकानदारों को दुकानों में रेट लिस्ट लगाने के निर्देश दिए थे। वहीं खाद्य सुरक्षा विभाग को निर्देश के अनुपालन में कार्रवाई के लिए कहा था। शुक्रवार को संवाद न्यूज एजेंसी के रिपोर्टर ने ऋषिकेश, मुनि की रेती, रामझूला, तपोवन, स्वर्गाश्रम में होटलों और ढाबों में रेट लिस्ट और सफाई व्यवस्था की पड़ताल की।
तीनों ही क्षेत्रों में चंद होटलों और ढाबों को छोड़कर कहीं भी रेट लिस्ट नहीं लगी मिली। कांवड़ियों की भीड़ के चलते होटलों और ढाबों में सामान के लिए मारामारी थी। दुकानदार भी अपनी मनमर्जी से सामान का दाम वसूलते नजर आए। कई लोगों ने जब सामान महंगा बताया तो दुकानदार बोले कि कहीं और से खरीद लें। सब जगह खाने पीने का सामान निर्धारित दामों से अधिक था। सामान खरीदना कांवड़ियों की मजबूरी बन गई। वहीं कई दुकानों पर खाने के सामानों और मिठाई पर उत्पादन और अवसान की तिथि नहीं लिखी थी।
कुछ होटल और ढाबों में जले हुए तेल में ब्रेड पकोड़ा, पकौड़ी, छोले भटूरे आदि तले जा रहे थे। कई होटलों और ढाबों में किचन में बहुत गंदगी दिखी। हैरानी की बात है कि खाद्य सुरक्षा विभाग के जिम्मेदार अधिकारी इससे बेखबर हैं।
सभी होटल और ढाबा संचालकों को दुकान में रेट लिस्ट लगाने के लिए कहा गया है। मिठाईयों पर उत्पादन और अवसान तिथि लिखने के निर्देश भी दिए गए हैं। यदि कोई होटल ढाबा संचालक तीन बार से अधिक बार तेल का प्रयोग करता है, तो उस पर भी कार्रवाई की जाएगी। छापामारी और नोटिस की कार्रवाई शुरू की जाएगी।
– संजय तिवारी, खाद्य सुरक्षा अधिकारी ऋषिकेश क्षेत्र