उत्तराखंड;
सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण चिन्यालीसौड़ हवाई अड्डे पर वायुसेना का तीन दिवसीय अभ्यास शुरू हो गया है। शुक्रवार को अभ्यास के पहले दिन वायुसेना के मालवाहक विमान एएन 32 ने लैंडिंग और टेक ऑफ का अभ्यास किया, जो पहली बार वायुसेना के ग्वालियर एयरबेस से चिन्यालीसौड़ पहुंचा।
अंतरराष्ट्रीय चीन सीमा से लगा होने के चलते चिन्यालीसौड़ हवाई अड्डा सेना के लिए खासा महत्वपूर्ण है। यही वजह है कि वायु सेना इसे अपना एडवांस लैंडिंग ग्राउंड (एएलजी) बनाने की कवायद में लगी हुई है और यहां अभ्यास जारी रखे हुए हैं।
इसी क्रम में शुक्रवार को हवाई अड्डे पर वायुसेना के बरेली एयरबेस से हेलीकॉप्टर से दो सदस्यीय कम्युनिकेशन टीम पहुंची, जिसके कुछ देर बाद ही ग्वालियर एयरबेस से मालवाहक विमान एनएन 32 लैंडिंग के लिए पहुंचा। एयरक्राफ्ट ने आकाश में चक्कर लगाए और एयरपोर्ट पर तीन बार लैंडिंग के साथ टेकऑफ का अभ्यास कर वापस ग्वालियर एयरबेस लौट गया।
वायुसेना से जुड़े सूत्रों के अनुसार वायुसेना के एयरक्राफ्ट का यह अभ्यास आज से तीन दिन तक चलेगा। इस अभ्यास के लिए वायुसेना की कम्युनिकेशन टीम चिन्यालीसौड़ में ही ठहरी हुई है। यहां वायुसेना के भारी विमान अभी तक इलाहाबाद और आगरा से लैंडिंग और टेक ऑफ के अभ्यास के लिए कई बार पहुंच चुके हैं, लेकिन ग्वालियर एयरबेस से पहली बार कोई विमान चिन्यालीसौड़ हवाई अड्डे पर अभ्यास करने आया।
ये है विमान की खासियत
भारतीय वायुसेना के एएन 32 (ऐंटोनोव एन 32) विमानों को सोवियत संघ से खरीदा गया था। यह विमान वायुसेना के परिवहन के लिए महत्वपूर्ण है, जो कि छोटे और अस्थायी रनवे पर भी उतर सकता है। भारत के पास करीब 100 एएन 32 विमान हैं। इस विमान की सबसे बड़ी खासियत ये है कि यह किसी भी तरह के मौसम में उड़ान भरने में सक्षम है।