लखनऊ
भ्रष्टाचार के खिलाफ सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति के तहत निदेशक स्थानीय निकाय निदेशालय नेहा शर्मा ने दो नगर निकायों में तैनात अधिशासी अधिकारियों (ईओ) को निलंबित कर दिया है। जिन दो अधिकारियों को निलंबित किया गया है, उनमें अकबरपुर नगर पालिका परिषद (कानपुर देहात) की ईओ देवहूति पांडेय और घिरोर (मैनपुरी) नगर पंचायत के ईओ नीलाभ शाल्या शामिल हैं। इन दोनों अधिकारियों पर यह कार्रवाई भ्रष्टाचार और वित्तीय अनियमितता के मामले में किया गया है। निलंबन के बाद दोनों अधिकारियों को स्थानीय निकाय निदेशालय से संबद्ध कर दिया गया है। साथ ही निदेशक ने इन दोनों अधिकारियों के खिलाफ विभागीय जांच शुरू कर दी गई है।
निदेशक स्थानीय निकाय ने बताया कि मुताबिक अकबरपुर की ईओ के खिलाफ यह शिकायत मिली थी कि उन्होंने निकाय के स्तर पर की गई सामग्री की खरीदारी, सड़कों को गड्ढामुक्त करने के लिए निविदा आमंत्रित करने और शौचालय के निर्माण कार्य में बड़े पैमाने पर वित्तीय अनियमितता बरती हैं। इसके अलावा देवहूति के खिलाफ जनहित के कार्यों में भी शिथिलता बरतने का भी आरोप था। प्रारंभिक जांच में सभी आरोपों को सही पाये जाने पर देवहूति के खिलाफ कार्रवाई की गई।
निदेशक ने बताया कि घिरोरा के ईओ नीलाभ शाल्या के खिलाफ मैनपुरी के डीएम ने शासन से लिखित शिकायत की थी, जिसमें उनपर भ्रष्टाचार में लिप्त होने और सरकारी कार्यों में शिथिलता बरतने के आरोप लगाए गए थे। इसी मामले में डीएम ने नीलाभ को प्रतिकूल प्रविष्टि भी दिया था। निदेशक ने बताया कि उनके पास हाल में ही उनके पास एक वाट्सएप मैसेज भी आया था। इसलिए डीएम के पत्र में लिखित शिकायतों और वाट्सएप मैसेज में लिख आरोपों की जांच कराई गई तो प्रथम दृष्टया दोनों आरोप सही पाए गए हैं। इस पर नीलाभ को निलंबित किया गया है।