प्रयागराज। माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या की जांच के मामले में एसआईटी ने कई अहम खुलासे किए हैं। जांच में सामने आया है कि हत्या करने के लिए शूटर लवलेश तिवारी सबसे पहले काल्विन अस्पताल पहुंचा था। इसके बाद सनी सिंह और अरुण मौर्या दाखिल हुए थे। पुलिस के विशेष जांच दल (एसआइटी) की विवेचना में नई जानकारी सामने आई है। एसआइटी ने इससे संबंधित वैज्ञानिक साक्ष्य भी संकलित किया है, जिसे आरोपितों के खिलाफ तैयार की जा रही चार्जशीट में संलग्न किया जा रहा है।
ज्ञात हो कि कॉल्विन अस्पताल में 15 अप्रैल की रात अतीक और अशरफ की गोली मारकर हत्या की गई थी। बांदा के लवलेश, हमीरपुर का हिस्ट्रीशीटर सनी सिंह और कासगंज मौर्या ने तुर्किए निर्मित जिगाना, गिरसान व कंट्रीमेड पिस्टल से गोली मारकर हत्याकांड को अंजाम दिया था। विवेचना के लिए एडीसीपी क्राइम की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय एसआइटी गठित की गई है। सूत्रों का कहना है कि एसआइटी ने अस्पताल और उसके आसपास लगे सीसीटीवी फुटेज को खंगाला था, जिसमें अस्पताल के भीतर अभियुक्तों की उपस्थिति मिली।
वास्तविक मीडियाकर्मियों के बयान और उनके पास मौजूद वीडियो फुटेज को सीसीटीवी से मिलान कराया गया तो शूटरों के मूवमेंट का पर्दाफाश हुआ। पता चला है कि रात नौ बजकर 10 मिनट पर सबसे पहले लवलेश तिवारी अस्पताल के भीतर पहुंचा था। इसके 12 मिनट बाद सनी व लवलेश पहुंचे थे। तीनों ने वास्तविक मीडियाकर्मियों से मेलजोल बढ़ाने की कोशिश की।
रात करीब साढ़े 10 बजे जब अतीक व अशरफ को लाया गया तो उन्होंने कैमरे के सामने ताबड़तोड़ फायरिंग कर दोनों भाईयों को मौत की नींद सुला दिया था। बताया गया है कि प्रतापगढ़ जेल में बंद अभियुक्तों के खिलाफ 14 अथवा 15 जुलाई को कोर्ट में चार्जशीट फाइल कर दी जाएगी।