कश्मीर : जिला विकास परिषद चुनावों के बाद यूरोप और अफ्रीका के प्रतिनिधियों का एक दल आज दो दिवसीय दौरे पर घाटी पहुंच गया है। यहां उनका पारंपरिक रूप से स्वागत किया गया। बता दें कि यूरोपीय संघ, फ्रांस, मलेशिया, ब्राजील, इटली, फिनलैंड, बांग्लादेश, क्यूबा, चिली, पुर्तगाल, नीदरलैंड, बेल्जियम, स्पेन, स्वीडन, सेनेगल, ताजिकिस्तान, कीर्गिस्तान, आयरलैंड, घाना, एस्टोनिया, बोलीविया, मलावी, इरीट्रिया और आयवरी कोस्ट के राजनयिक कड़ी सुरक्षा के बीच जम्मू-कश्मीर पहुंचे हैं।
विदेशी प्रतिनिधिमंडल बडगाम जिले के मगम ब्लॉक पहुंचा है, जहां उन्हें पंचायती राज और वहां लोगों की समस्याओं का हल कैसे किया जाता है उसके बारे में जानकारी दी जा रही है। उन्हें ये भी बताया जा रहा है कि कैसे पंचायत के लोग गांव के घर-घर जाकर लोगों की समस्याएं सुनते हैं। विदेशी प्रतिनिधिमंडल ने यहां कुछ स्थानीय लोगों से भी बात की।
बडगाम पहुंचे राजनयिकों में से फ्रांस और इटली के राजनयिकों ने स्थानीय लोगों से बातचीत की और उनका हाल जाना। बाद में अन्य राजनयिकों ने भी स्थानीय लोगों से बातचीत की। बडगाम जिले के डीडीसी चेयरमैन नजीर अहमद खान ने कहा कि हमें विदेशी प्रतिनिधिमंडल से बातचीत करने का अवसर मिला। हमने विकास योजनाओं, किए गए काम और होने वाले कार्यों के बारे में बातचीत की। इसके बाद राजनयिकों का दल हजरतबल दरगाह पहुंचा है।
बोलीविया के राजनयिक ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में लोकतंत्र मजबूत हुआ है। यह प्रभावशाली है। यहां के लोग केंद्र सरकार द्वारा लिए गए राजनीतिक फैसलों से खुश हैं।
श्रीनगर नगर निगम के मेयर जुनैद मट्टू ने कहा कि विदेशी प्रतिनिधिमंडल ने सभी राजनीतिक दलों के निर्वाचित प्रतिनिधियों से बात की। उन सभी ने कहा कि डीडीसी के चुनाव स्वतंत्र और निष्पक्ष हुए। स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव लोकतंत्र के सशक्तिकरण का सबसे बड़ा प्रमाण है। मेरा मानना है कि अब सबसे महत्वपूर्ण बात जमीनी स्तर पर स्थानीय निर्वाचित प्रतिनिधियों का सशक्तिकरण है। प्रतिनिधिमंडल को डीडीसी और शहरी स्थानीय निकायों के ऐतिहासिक चुनावों से अवगत कराया गया। वे जमीनी हकीकत जानना चाहते थे।
अधिकारियों ने बताया कि दो दिवसीय दौरे के दौरान यह प्रतिनिधि मंडल 5 अगस्त, 2019 को अनुच्छेद 370 की समाप्ति और राज्य का दर्जा समाप्त होने के बाद केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन द्वारा किए गए विकास कार्यों के बारे में जानकारी लेगा।
प्रतिनिधिमंडल ने श्रीनगर के मेयर, डीडीसी अध्यक्षों के साथ बैठक की। इस दौरान घाटी के हालातों पर विस्तार से चर्चा हुई। इस दौरान जिला विकास परिषद के निर्वाचित प्रतिनिधियों ने चुनाव के बारे में दल को जानकारी दी। साथ ही सुरक्षित माहौल में संपन्न हुए चुनाव की प्रशंसा की। बताया कि इससे जमीनी स्तर पर लोकतंत्र मजबूत होगा। उन्होंने प्रतिनिधिमंडल से भारत में सहयोग बढ़ाने और जम्मू-कश्मीर के विकास में भाग लेने की अपील भी की। प्रतिनिधिमंडल गुरूवार को जम्मू में उपराज्यपाल से भी मुलाकात करेगा। इस दल में राजनयिकों के अलावा विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधि भी शामिल हैं।
अधिकारियों ने बताया कि इन प्रतिनिधियों को एक प्रजेंटेशन के जरिए यह दिखाया जाएगा कि कैसे पंचायतों को वित्तीय अधिकार देकर उन्हें सशक्त बनाया गया है। कश्मीर घाटी में कानून-व्यवस्था की स्थिति से जुड़े वरिष्ठ अधिकारी इस दल को सुरक्षा स्थिति के बारे में जानकारी देंगे। इसमें विशेष रूप से पाकिस्तान द्वारा नियंत्रण रेखा के माध्यम से आतंकवादियों को धकेलने के प्रयास और लगातार संघर्ष विराम उल्लंघन के बारे में भी जानकारी दी जाएगी।
दूसरे दिन यह प्रतिनिधिमंडल जम्मू का दौरा करेगा। जहां वे डीडीसी सदस्यों और कुछ सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों के अलावा उप राज्यपाल से भी मुलाकात करेंगे। अधिकारियों ने इस दौरे को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान द्वारा किए जा रहे कुप्रचार से निपटने के लिए की जा रही कूटनीतिक कवायद बताया है।
दो प्रतिनिधिमंडल पहले भी कर चुके हैं दौरा
पिछले साल, अमेरिका सहित 17 देशों के प्रतिनिधियों ने जम्मू-कश्मीर का दौरा किया था। उस दल में वियतनाम, दक्षिण कोरिया, ब्राजील, उज्बेकिस्तान, नाइजर, नाइजीरिया, मोरक्को, गुयाना, अर्जेंटीना, फिलीपींस, नॉर्वे, मालदीव, फिजी, टोगो, बांग्लादेश और पेरू के राजदूत शामिल थे। इसके अलावा यूरोपीय संघ के 23 सांसदों का एक प्रतिनिधिमंडल भी दो दिवसीय यात्रा पर जम्मू-कश्मीर गया था।
सुरक्षा चाक-चौबंद
विदेशी प्रतिनिधियों के दौरे से पहले मंगलवार को श्रीनगर में सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद कर दी गई। प्रमुख स्थलों पर सुरक्षा बलों की अतिरिक्त तैनाती की गई है। सभी सुरक्षा एजेंसियों ने अपने अधिकारियों और जवानों को सतर्क रहने के निर्देश दे दिए हैं। प्रतिनिधि मंडल के घाटी के बुधवार से शुरू हो रहे दौरे को ध्यान में रखते हुए सभी सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हो गई हैं। सूत्रों के अनुसार दल के यहां पहुंचने से पहले एक उच्च स्तरीय सुरक्षा बैठक बुलाई गई थी जिसमें सभी सुरक्षा और खुफिया एजेंसियों के अधिकारियों ने भाग लिया और उनके दौरे को सुरक्षित बनाने के लिए एक रोड मैप तैयार किया गया।
श्रीनगर के कई इलाकों से हटाए गए सीआरपीएफ के बंकर
अनुच्छेद 370 हटने के बाद माहौल में सुधार होने तथा आतंकवाद व पत्थरबाजी पर काफी हद तक अंकुश की वजह से कई इलाकों से सीआपीएफ के लिए बनाए गए कई अस्थायी बंकर हटा दिए गए हैं। श्रीनगर शहर में जहांगीर चौक, करण नगर, बागात बरजुल्ला और राजबाग के इलाके से सीआरपीएफ के कुछ बंकर मंगलवार को हटाए गए। सीआरपीएफ के प्रवक्ता ओपी तिवारी ने बताया कि जहां इन बंकरों की जरूरत नहीं थी, वहां से इन्हें हटा दिया गया है। यह एक रूटीन प्रक्रिया है।