वाशिंगटन, प्रेट्र। साइबर हमला करके मुंबई में ब्लैक आउट की साजिश रचने के मामले में चीन घिरता दिखाई दे रहा है। एक वरिष्ठ अमेरिकी सांसद ने जो बाइडन प्रशासन से बीजिंग की हरकतों के खिलाफ आवाज उठाने और भारत के साथ खड़े होने की मांग की है। अमेरिका पहले भी चीन की दादागीरी को लेकर आवाज उठाता रहा है।

सांसद फ्रेंक पैलोन ने बाइडन प्रशासन से कहा है, ‘भारत के पॉवर ग्रिड पर चीन के साइबर हमले के विरोध में अमेरिका को नई दिल्ली के साथ खड़ा होना चाहिए।’ पैलोन ने एक ट्वीट में लिखा, ‘अमेरिका को हमारे रणनीतिक मित्र (भारत) के साथ खड़ा होना चाहिए और भारत में पॉवर ग्रिड पर चीन के खतरनाक साइबर हमले की निंदा करनी चाहिए। शी चिनफिंग सरकार की इस हरकत के चलते अस्पतालों में भी बिजली गुल हुई और महामारी के इस दौर में मरीजों का इलाज करने के लिए जनरेटर का सहारा लेना पड़ा।’

दुनिया के तमाम देशों के साथ मिलकर काम करने के लिए प्रतिबद्ध 

विभिन्न देशों की इंटरनेट गतिविधियों पर नजर रखने वाले मैसाचुसेटस स्थित कंपनी रिकॉर्डेड फ्यूचर का हवाला देते हुए पैलोन ने ट्वीट किया, ‘हम चीन को बल और धमकी के बल पर हावी होने की छूट नहीं दे सकते हैं।’ अमेरिका के विदेश विभाग की तरफ से कहा गया है, चीन की भारत के खिलाफ साजिश से जुड़ी रिपोर्ट के बारे में उसे पूरी जानकारी है। अमेरिका साइबरस्पेस में खतरों का जवाब देने के लिए दुनिया के तमाम देशों के साथ मिलकर काम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

बता दें कि 12 अक्टूबर 2020 को मुंबई में अचानक बिजली गुल हो गई थी। आपूर्ति बाधित होने के चलते आवश्यक सेवाओं में भी व्यवधान पड़ा था। बिजली कटौती के चलते जुहू, अंधेरी, मीरा रोड, नवी मुंबई, ठाणे और पनवेल इलाके सबसे अधिक प्रभावित हुए थे। कई इलाकों में पेट्रोल पंप, ठाणे के सारे पंपिग स्टेशन बंद हो गए थे। मुंबई यूनिर्सिटी के केसी कॉलेज की परीक्षा रद करनी पड़ी थी।