महाराष्ट्र :
कोरोना वायरस की पहली लहर के दौरान इससे सबसे ज्यादा प्रभावित रहा राज्य महाराष्ट्र दूसरी लहर में भी इसके प्रकोप का सबसे ज्यादा सामना कर रहा है। राज्य में रिकॉर्ड संख्या में दैनिक मामले सामने आ रहे हैं। बिगड़ती स्थिति को देखते हुए मंगलवार रात मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने राज्य की जनता को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने राज्य में स्वास्थ्य संसाधनों की कमी पर बात की और कहा कि टीकाकरण के माध्यम से कोरोना संक्रमण को काबू किया जा सकता है।
माना जा रहा था कि मुख्यमंत्री ठाकरे इस दौरान लॉकडाउन का एलान कर सकते हैं, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। ठाकरे ने कहा कि सरकार अभी लॉकडाउन लागू करने के पक्ष में नहीं है। हालांकि, उन्होंने कहा कि बुधवार से प्रदेश में नई पाबंदियां लागू की जाएंगी। मुख्यमंत्री ने जनता से मास्क पहनने और शारीरिक दूरी के नियम के साथ कोविड म बचाव के लिए सभी नियमों का ईमानदारी से पालन करने की अपील की। उन्होंने कहा कि नए प्रतिबंध 15 दिन तक लागू रहेंगे।
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि हम सख्त प्रतिबंध लागू कर रहे हैं जो बुधवार रात आठ बजे से प्रभावी होंगे। कल से पूरे प्रदेश में धारा 144 लागू हो जाएगी। हालांकि, उन्होंने कहा कि मैं इन प्रतिबंधों को ‘लॉडाउन’ का नाम नहीं दूंगा। उन्होंने कहा कि लोकल ट्रेन और बस सेवा केवल आवश्यक सेवाओं के लिए चलेंगी। पेट्रोल पंप, सेबी से संबंधित वित्तीय संस्थान और निर्माण कार्य चालू रहेंगे। होटल और रेस्तरां बंद रहेंगे, लेकिन उन्हें होम डिलीवरी करने की अनुमति होगी।
उद्धव ठाकरे सरकार के अहम फैसले
बुधवार से पूरे राज्य में धारा 144 लागू होगी, आने-जाने पर पाबंदी
बुधवार रात आठ बजे से होगी ‘ब्रेक द चेन’ मुहिम की शुरुआत
प्रदेश में मीडियाकर्मियों को रहेगी आने-जाने की अनुमति
लोकल ट्रेन और बस सेवा केवल आवश्यक सेवाओं के लिए होगी
बैंकिंग और ई-कॉमर्स सेवाएं जारी रहेंगी, पेट्रोल पंप खुले रहेंगे
आर्थिक मदद के लिए साढ़े पांच हजार करोड़ रुपये का पैकेज
12 लाख मजदूरों को 1500 रुपये की आर्थित सहायता दी जाएगी
राज्य के रिक्शा चालकों को 1500 रुपये नकद सहायता मिलेगी
आदिवासियों को 2000 रुपये की आर्थिक मदद देने का फैसला
प्रदेश के पंजीकृत फेरीवालों को भी आर्थित मदद देगी सरकार
शिव भोजन थाली के लिए कोई भी शुल्क नहीं लिया जाएगा
सिनेमा हॉल, थिएटर, ऑडिटोरियम, मनोरंजन पार्क, जिम, खेल परिसर बंद रहेंगे। फिल्मों, सीरियलों और विज्ञापनों की शूटिंग पर भी रोक रहेगी। सभी दुकानें, मॉल, शॉपिंग सेंटर भी 14 अप्रैल की शाम सात बजे से एक मई तक बंद रहेंगे। ई-कॉमर्स सेवा को केवल जरूरी सामान और सेवाओं की डिलीवरी करने की अनुमति होगी। किसी धार्मिक, सामाजिक, सांस्कृतिक या राजनीतिक कार्यक्रम की अनुमति नहीं होगी। अगले एक महीने के लिए सभी गरीबों और जरूरतमंदों को तीन किलो गेहूं और दो किलो चावल वितरित किया जाएगा।
केंद्र सरकार से लगाई मदद की गुहार
ठाकरे ने कहा कि राज्य में मंगलवार को कोरोना संक्रमण के 60,212 नए मामले सामने आए हैं। उन्होंने कहा कि हम अपनी स्वास्थ्य सेवाओं के बुनियादी ढांचे को लगातार बेहतर कर रहे हैं, लेकिन इस समय इस पर काफी दबाव है। राज्य में मेडिकल ऑक्सीजन, बेड की कमी है इसके साथ ही रेमडेसिविर की मांग में भी तेजी आई है। ठाकरे ने स्थिति से निपटने के लिए केंद्र सरकार से मदद मांगने के साथ सेवानिवृत्त हो चुके चिकित्सकों और स्वास्थ्यकर्मियों से भी मदद करने की अपील की।
प्रधानमंत्री से बात करूंगा : ठाकरे
मुख्यमंत्री ने कहा है कि मैं प्रधानमंत्री से बात करूंगा और उसने अनुरोध करूंगा कि आस-पास के राज्यों से ऑक्सीजन की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए भारतीय वायु सेना की सहायता मुहैया कराएं। उन्होंने कहा कि राज्य में सड़क मार्ग से ऑक्सीजन की आपूर्ति हो रही है, लेकिन वर्तमान हालात में संसाधन कम पड़ गए हैं। इस दौरान मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि संकट के इस समय में हमारी प्राथमिकता लोगों की जान बचाना है और इसके लिए हम हर संभव प्रयास करेंगे।
टास्कफोर्स के साथ बैठक में लॉकडाउन पर रहा था जोर
उल्लेखनीय है कि बीते दिनों कोविड टास्कफोर्स के साथ हुई बैठक में सभी ने लॉकडाउन लगाने पर जोर दिया था। इससे पहले सोमवार को प्रदेश सरकार के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने लॉकडाउन के संकेत दिए थे। उन्होंने कहा था कि राज्य के लोगों को लॉकडाउन के लिए तैयार रहना चाहिए। हालांकि उन्होंने यह भी कहा था कि लॉकडाउन के फैसले को लागू करने से पहले लोगों को अपने गंतव्यों तक जाने की छूट और समय दिया जाएगा।
इससे पहले मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया था कि 14 अप्रैल से राज्य में कोरोना को लेकर नई गाइडलाइंस जारी हो सकती हैं। राज्य में 14 या 15 से 30 अप्रैल तक के लिए पाबंदियां लागू की जा सकती हैं। इस दौरान जिम, पार्क और स्विमिंग पूल्स आदि को बंद किया जा सकता है। इसके अलावा वाहनों के मूवमेंट पर भी रोक लगाई जा सकती है। हालांकि जरूरी सेवाओं और जरूरी सामान की आपूर्ति को बाधित नहीं किया जाएगा। बता दें कि इससे पहले राज्य सरकार के कई मंत्री लॉकडाउन की आशंका जता चुके हैं।
बता दें कि बीती 11 अप्रैल को ही सीएम उद्धव ठाकरे की अध्यक्षता में कैबिनेट और कोविड टास्क फोर्स की बैठक हुई थी। इसके बाद कैबिनेट मंत्री असलम शेख ने बताया था कि बैठक में शामिल ज्यादातर लोगों ने लॉकडाउन पर सहमति जताई है। उन्होंने कहा था कि बैठक में राज्य में दो से तीन सप्ताह तक के लिए लॉकडाउन लागू करने का सुझाव दिया गया है।
दावा : दो अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी से 10 लोगों की मौत
एक ओर जहां प्रदेश में लॉकडाउन लगाए जाने की सुगबुगाहट थी वहीं दूसरी ओर कोरोना मरीजों की मौत का सिलसिला भी बढ़ता जा रहा है। अब पालघर जिले से खबर है कि यहां अस्पतालों में ऑक्सीजन सिलिंडर की कमी के चलते करीब 10 लोगों की मौत हो गई है।
जानकारी के अनुसार, पालघर जिले के दो अस्पतालों में कोविड-19 से जान गंवाने वाले 10 लोगों के रिश्तेदारों ने आरोप लगाया है कि ऑक्सीजन की कमी के चलते उन्होंने दम तोड़ दिया। जबकि निगम के अधिकारियों और अस्पताल के प्रबंधन ने इन आरोपों को खारिज किया है।
नालासोपारा पूर्व स्थित विनायक अस्पताल में सोमवार को कोरोना वायरस संक्रमण से सात मरीजों की जबकि रिद्धि विनायक अस्पताल में तीन मरीजों मौत हो गई। मरीजों के परिजन ने दावा किया कि अस्पतालों में ऑक्सीजन आपूर्ति की कमी से उनकी मौत हुई।
मामले ने तब और तूल पकड़ लिया जब वसई विरार नगर निगम के पूर्व महापौर राजीव पाटिल ने एक ऑडियो क्लिप में दावा किया कि गंभीर रूप से बीमार मरीजों के इलाज के लिए जरूरी ऑक्सीजन की आपूर्ति नहीं होने के कारण अस्पतालों में मौत हुई।
आरोपों को खारिज करते हुए वसई विरार नगर निगम के उपायुक्त किशोर गवस ने मंगलवार को कहा कि गंभीर हालत में होने के कारण मरीजों की मौत हुई। विनायक अस्पताल से जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया कि ऑक्सीजन की पर्याप्त आपूर्ति हो रही है, इसलिए इनकी कमी को मरीजों की मौत से जोड़ना तथ्यात्मक रूप से गलत है।
ऑक्सीजन की आपूर्ति में कमी के कारण मौत के बारे में सूचना फैलने के बाद सोमवार को बड़ी संख्या में लोग अस्पतालों में एकत्र हो गए थे। एक पुलिस अधिकारी ने कहा था कि किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं।