देहरादून :
आज आप प्रदेश उपाध्यक्ष शिशुपाल रावत ने एक बयान जारी करते हुए कहा, उत्तराखंड में बीजेपी सरकार द्वारा तीर्थ पुरोहितों पर जबरदस्ती थोपे देवस्थानम बोर्ड को पूर्ण रूप से भंग होना चाहिए। आप उपाध्यक्ष ने कहा,पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह द्वारा गठित देवस्थानम बोर्ड को पूर्ण रुप से भंग किया जाना चाहिए । उन्होंने कहा कि, देवस्थानम बोर्ड जबरदस्ती थोप कर बीजेपी सरकार ने हकूकधारियों और तीर्थपुरोहितों के हक पर डाला डालने की जो कोशिश की है, वो ना सिर्फ हक हकूक धारियों और पुरोहितों के सम्मान के साथ खिलवाड है ,बल्कि उनका हनन भी है।
उन्होंने कहा कि, आज चारों धामों में तीर्थ पुरोहित ,लगातार अपनी मांगों को लेकर धरने प्रर्दशन कर रहे हैं और कई समय से उनकी मांग देवस्थानम बोर्ड को भंग करने की है ,लेकिन राज्य सरकार सभी तीर्थपुरोहितों को अभी तक सिर्फ आश्वासन ही देती आई है। वो आज भी प्रदर्शन करने को मजबूर हैं। सीएम धामी ने हाल में देवस्थानम बोर्ड को लेकर बैठक भी की थी लेकिन उसमें भी बोर्ड भंग को लेकर कोई निर्णय नहीं लिया गया जिससे तीर्थ पुरोहितों के बीच खासा रोष है।
बैठक में देवस्थानम बोर्ड मामले में सरकार बोर्ड भंग करने के बजाय बैकफुट पर नजर आई जो सीधे तौर पर तीर्थ पुरोहितों के अधिकारों के साथ खिलवाड़ है। उन्होंने कहा कि, ये सरकार तानाशाही पर उतर आई है ,जो अब मंदिरों पर भी अपना कब्जा करना चाहती है। उन्होंने कहा उत्तराखंड देवभूमि है और चार धाम यहां मौजूद हैं जिन से करोडों हिंदुओं की आस्था सीधे जुडी हुई है।
उन्होंने कहा कि, प्रदेश की आर्थिकी पर्यटन और धार्मिक पर्यटन दोनों पर टिकी है और ऐसे में जब लोग कोरोना काल में आर्थिक रुप से कमजोर हो चुके हैं तो धार्मिक पर्यटन पर जोर देने के बजाए सरकार बोर्ड बनाकर जबरन मंदिरों से जुडे हकहकूकधारियों और तीर्थपुरोहितों को पंगु बना चुकी है ,जिसकी आप पार्टी कडे शब्दों में निंदा करती है ,और ये मांग करती है कि प्रदेश सरकार जल्द ही इस बोर्ड को भंग करे और सभी पुरोहितों और हकूकधारियों को उनके अधिकार दिए जाएं ताकि ना तो उनके साथ कोई अन्याय हो सके और ना ही धार्मिक पर्यटन पर इसका कोई असर पड सके। उन्होंने ये भी कहा कि अगर सरकार जल्द ही इस पर कोई ठोस निर्णय नहीं लेती है तो तीर्थपुरोहितों के लडाई को सडक पर लडने के लिए आप पार्टी का हर कार्यकर्ता तैयार है।