मद्रास हाईकोर्ट ने कोरोना की वैक्सीन कोविशील्ड (Covishield) को असुरक्षित घोषित करने की मांग वाली याचिका पर केंद्र सरकार को नोटिस भेजकर जवाब मांगा है. शिकायतकर्ता ने कोविशील्ड को असुरक्षित घोषित करने की मांग के साथ 5 करोड़ रुपये के मुआवजे की भी मांग की है. कोविशील्ड एस्ट्राजेनेका और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा विकसित वैक्सीन है. इसका ज्यादातर उत्पादन सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (Serum Institute of India) में हो रहा है.
यह शिकायत 41 साल के एक वालंटियर ने दायर की है, जिसने कोविशील्ड (Covishield) के तीसरे चरण के परीक्षण के दौरान वैक्सीन ली थी. उसे एक अक्टूबर को यह टीका लगा था. शिकायतकर्ता का आरोप है कि टीका लेने के बाद उसके शरीर में गंभीर प्रतिकूल प्रभाव सामने आए और कार्यक्षमता प्रभावित होने के साथ वह कामकाज करने के काबिल नहीं है.
कोविशील्ड का उत्पादन दुनिया के सबसे बड़े वैक्सीन निर्माता सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया में हो रहा है. कोविशील्ड औऱ कोवैक्सीन को भारत में आपातकालीन इस्तेमाल के तहत मंजूरी दी गई है और इसके जरिये एक करोड़ से ज्यादा लोगों को टीका लगाया जा चुका है. पिछले साल जब ऐसे आरोप सामने आए थे तो सीरम इंस्टीट्यूट ने उन्हें गलत बताया था. वैक्सीन निर्माता ने तब आरोप लगाने वाले पर 100 करोड़ रुपये के मानहानि का दावा ठोकने की चेतावनी भी दी थी.