दरअसल मौजूदा समय में पाकिस्तान कई मोर्चों से घिरा हुआ है। आर्थिक रूप से पाकिस्तान की हालत काफी खराब है। रणनीतिक और कूटनीतिक दृष्टि से वो काफी अलग-थलग और कमजोर हो चुका है। पाकिस्तान खुद को अकेला महसूस कर रहा है।
इस्लामाबाद, एजेंसी। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान अपनी भारत विरोधी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं। पहले शांति का पैगाम भेजा और पलटी मार ली। अब व्यापार के मुद्दे पर खुद ही आयात का निर्णय लेकर यू टर्न ने लिया है। अपने मंत्रिमंडल के खास सलाहकारों से बात करने के बाद शनिवार को इमरान ने कहा कि वर्तमान परिस्थितियों में भारत के साथ व्यापार करना संभव नहीं है। पाकिस्तान का यह चरित्र कोई नया नहीं है। पाकिस्तान के लिए यह कोई नई बात नहीं है। उसने हरदम दोस्ती का हाथ बढ़ाकर फिर पीछे से साजिश रची है। उसकी कथनी और करनी में हमेशा फर्क देखा गया है। भारत के साथ उसकी दोस्ती का आलाप सिर्फ उसकी मजबूरी होती है। उसकी गर्ज होती है। आइए जानते हैं कि आखिर पाकिस्तान ने भारत की ओर दोस्ती की ओर हाथ क्यों बढ़ाया। क्या थी उसकी मजबूरी।
दोस्ती नहीं मजबूरी में भारत के निकट आया पाकिस्तान
- बीते कुछ समय से भारत को लेकर पाकिस्तान के सुर बदले हुए हैं। भारत के प्रति उसके रुख में अचानक बदलाव आया है। सीमा पर तनाव कम करने को लेकर हुई डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशन की बातचीत हो या पाकिस्तान के आर्मी चीफ जनरल कमर बाजवा का बयान हो या सिंधु जल विवाद सुलझाने के लिए हो रही वार्ता सभी मसलों पर उसक भाषा बदली हुई है।
- प्रो. हर्ष वी पंत का कहना है कि दरअसल, मौजूदा समय में पाकिस्तान कई मोर्चों से घिरा हुआ है। आर्थिक रूप से पाकिस्तान की हालत काफी खराब है। रणनीतिक और कूटनीतिक दृष्टि से वो काफी अलग-थलग और कमजोर हो चुका है। पाकिस्तान खुद को अकेला महसूस कर रहा है। इसी तरह से वैश्विक मंच पर भी उसके हालात काफी खराब हो चुके हैं। अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन की भारत की यात्रा के बाद वह काफी निराश है।
- अमेरिका ने अफगानिस्तान शांति प्रक्रिया में भारत को सहयोगी बनाया है। अमेरिका के इस फैसले से पाकिस्तान काफी आहत है। यह पाकिस्तान के लिए एक बड़ा झटका है। अमेरिका ने जिस तरह से भारत को अपनी प्राथमिकता सूची में शीर्ष में रखा है, यह बात पाक को अखर रही है। इसलिए उसने भारत के साथ संबंधों को दुरुस्त करने का प्रदर्शन किया है।
- अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन ने भारत को अपने दस सबसे शीर्ष के सहयोगी देशों में शामिल किया है। इसके अलावा अमेरिका ने भारत को हिंद प्रशांत क्षेत्र के लिए बनने वाली भावी नीतियों में शामिल किया है। भारत से इस क्षेत्र में अहम जिम्मेदारी निभाने को कहा है। अमेरिका का भारत प्रेम चीन के साथ पाकिस्तान को अखर रहा है।
- भारत ने कोरोना महामारी के बीच अपने मित्र देशों को फ्री वैक्सीन मुहैया कराई है। संकट इस घड़ी में पाकिस्तान के लिए यह काम उसका मित्र चीन नहीं कर सका। वैक्सीन वितरण के मामले में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भारत की प्रशंसा की। संगठन ने भारत को एक सक्षम और शक्तिसाली देश कहा। ऐसे में पाकिस्तान पर भारत से दोस्ती का दबाव और गहरा गया। यही कारण है कि पाकिस्तान, भारत के साथ अमेरिका से भी संबंध सुधारने की कोशिश कर रहा है।
कश्मीर में धारा 370 हटाने का राग अलापा
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री और उनके मंत्रिमंडल ने भारत से चीनी और कपास के आयात की अनुमति दी थी। 24 घंटे के बाद ही इमरान ने कश्मीर में धारा 370 हटाने का राग अलापते हुए खुद ही इस निर्णय से यू टर्न ले लिया। पाकिस्तान के टेक्सटाइल सेक्टर ने आयात की घोषणा के बाद राहत की सांस ली थी। निर्णय के वापस लेने से फिर इंडस्ट्री पर संकट के बादल घिर आए हैं। दो साल से पाक ने भारत से आयात पर रोक लगा रखी है। उसी के बाद से यहां व्यापारियों को खासी मुसीबत का सामना करना पड़ रहा है। ज्ञात हो कि भारत पहले ही पाक को स्पष्ट रूप से कह चुका है कि शांति वार्ता और आतंकवाद दोनों साथ नहीं चल सकते हैं।