पश्चिम बंगाल के नंदीग्राम में बुधवार को चुनाव प्रचार के दौरान हुए कथित हमले में घायल राज्य की मुख्यमंत्री और टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी का इलाज चल रहा है। ताजा हेल्थ बुलेटिन के मुताबिक, चिकित्सकों ने कहा कि फिलहाल ममता बनर्जी की हालत स्थिर है। हड्डी में चोट की वजह से उनका एमआईआर कराया गया है। कोलकाता के एसएसकेएम अस्पताल में 6 डॉक्टरों की टीम उनकी देख भाल कर रही है।
इससे पहले, एसएसकेएम अस्पताल में मुख्यमंत्री बनर्जी का एक्सरे किया गया। बनर्जी का उपचार कर रहे चिकित्सकीय दल से जुड़े डॉक्टर ने कहा कि मुख्यमंत्री के बाएं पैर का एक्स-रे किया गया। प्राथमिक मेडिकल टेस्ट की प्रारंभिक रिपोर्ट में उन्हें कई जगहों पर चोटें आईं हैं और एक पैर में प्लास्टर भी हुआ है। डॉक्टर ने कहा था कि उन्हें दाएं कंधे, गले, हाथ पर चोट आई है। घटना के बाद से उन्होंने सीने में दर्द, बेचैनी की शिकायत भी की है। डॉक्टरों ने बताया कि हमले के बाद ममता बनर्जी ने दर्द और सांस फूलने की शिकायत दर्ज की थी। उन्हें 48 घंटों की निगरानी में रखा जाएगा।
उन्होंने कहा कि एमआरआई करने के बाद मुख्यमंत्री को फिर विशेष वार्ड में लाया जा सकता है। डॉक्टर ने कहा कि उन्हें (अस्पताल से) छुट्टी देने से पहले हमें उनकी स्थित पर नजर रखने की जरूरत है। राज्य सरकार ने बनर्जी के उपचार के लिए पांच वरिष्ठ डॉक्टरों की एक टीम बनाई है।
बनर्जी पर शाम को चुनाव प्रचार के दौरान पूर्ब मेदिनीपुर के नंदीग्राम में कथित रूप से हमला हुआ। ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि चार-पांच लोगों ने उन्हें धक्का दिया और वह गिर गईं। उनके अनुसार उनके पैर सूज गया और उनके सीने में दर्द और बुखार सा महसूस हो रहा है।
ममता ने कहा, मुझे धक्का दिया गया
बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि नंदीग्राम में चुनाव प्रचार के दौरान कुछ लोगों ने कथित तौर पर उन्हें धक्का दिया, जिससे उनके एक पैर में चोट आई है। रियापारा में एक मंदिर के बाहर हुई इस घटना को उन्होंने साजिश का हिस्सा बताया। मुख्यमंत्री को जेड प्लस सुरक्षा मिली हुई है, इसके बावजूद इस घटना से सुरक्षा सवालों के घेरे में है।
ममता ने कहा, मैं एक मंदिर में पूजा के लिए गई थी। मैं कार के खुले गेट के साथ खड़ी थी। कुछ लोग मेरी कार के आसपास आए और कार के दरवाजे के गेट को धक्का दिया और उससे मेरे पैर में चोट लग गई। ममता का दावा है कि चोट लगने के कारण उनका एक पैर सूज गया, जिसके बाद उन्हें बुखार जैसा महसूस हुआ।
प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा- किसी ने नहीं दिया धक्का
इस बीच, घटना के दो चश्मदीद भी सामने आए हैं। वहां मौजूद रहे चितरंजन दास ने कहा कि एक पोस्टर से टकरा कर दरवाजा बंद हो गया। वहीं, एक छात्र सुमन ने कहा कि किसी ने उन्हें धक्का नहीं दिया।