ऋषिकेश। परमार्थ निकेतन में शिवरात्रि महोत्सव मनाया गया। परमार्थ गुरुकुल के ऋषिकुमारों ने ड्रम, ढोल-नगाड़े की ताल पर कीर्तन करते हुए भगवान शिव की बारात निकाली।
परमार्थ निकेतन में चल रहे 32 वां अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव के पांचवें दिन की शुुरुआत गंगा नंदिनी के योग और प्राणायाम के सत्र से हुई। स्वामी चिदानंद सरस्वती ने महाशिवरात्रि के अवसर पर रुद्राक्ष का पौधारोपण, पूजन कर भगवान शिव की स्तुति की। परमार्थ गुरूकुल के ऋषिकुमार भी मौके पर थे। स्वामी चिदानंद मुनि ने कहा कि जैवविविधता, जीव विविधता, जीवन में एकता तथा विभिन्नता में एकता यही भारत की विशेषता है और यही सत्य है, यही शिव है, यही सुंदर है। महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर दिव्य गंगा आरती के पश्चात सभी योग साधकों और श्रद्धालुओं ने प्रसिद्ध ड्रम और तालवादक शिवमणि के मंत्रमुग्ध करने वाले संगीत का आनंद लिया। शिवमणि जी ने अपनी वर्चुअल परफारमेंस दी। डॉ. साध्वी भगवती सरस्वती ने कहा कि शिवरात्रि महापर्व हमें अपनी अंतर चेतना से जुड़ने, सत्य को जानने, शिवत्व को प्राप्त करने का अवसर प्रदान करती है।