काशीपुर एक महिला से सामूहिक दुष्कर्म के मुकदमे में मुजफ्फर नगर की एसीजेएम अदालत ने काशीपुर अर्बन कोआपरेटिव बैंक के चेयरमैन समेत तीन लोगों के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किए हैं। इस मामले में सुनवाई की तिथि आठ अप्रैल नियत की गई है।
एक महिला ने मुजफ्फर नगर के एसीजेएम (चतुर्थ) कोर्ट में दायर याचिका में कहा था कि थाना परतापुर के ग्राम गावंडी निवासी सुशील चौधरी से उसके पति की जान पहचान थी। उसने सुशील से कहीं नौकरी लगवाने को कहा। इस पर सुशील ने उसे पत्नी को साथ लाने के लिए कहा। महिला का कहना है कि 25 सितंबर, 2016 को वह अपने पति के साथ मुजफ्फर नगर के मोरना स्थित एक पेट्रोल पंप पर गई।
वहां सुशील समेत कुंडेश्वरी, काशीपुर निवासी प्रताप चौधरी और दीपक भी थे। इन लोगों ने उसके पति को घर भेज दिया। आरोप है कि तीनों ने उसके साथ दुष्कर्म किया। कोर्ट ने आरोपियों को समन जारी कर तलब किया था। इस मुकदमे को निरस्त कराने के लिए प्रताप चौधरी आदि ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में दो बार याचिका प्रस्तुत की। 5 मई, 2017 को हाईकोर्ट ने यह याचिका खारिज कर दी। इसके बाद प्रताप की ओर से सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका प्रस्तुत की।
सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के बाद इसे 6 अप्रैल, 2018 को खारिज कर दिया। इसके बाद अवर न्यायालय से आरोपियों के वारंट जारी कर दिए गए। कोरोना संक्रमण के कारण लॉकडाउन के दौरान अदालती कामकाज प्रभावित रहा। परिवादी के अधिवक्ता मामचंद्र गुप्ता ने बताया कि मुजफ्फर नगर के एसीजेएम, प्रथम की अदालत से काशीपुर अर्बन कोआपरेटिव बैंक के अध्यक्ष प्रताप चौधरी समेत सभी आरोपियों को गैर जमानती वारंट जारी कर दिए गए हैं। इन वारंटों की तामीली आठ अप्रैल तक होनी है। इस मामले में आरोपी प्रताप चौधरी से भी बात करने का प्रयास किया गया लेकिन उसका मोबाइल नंबर स्विच ऑफ पाया गया।