MSME को बढ़ावा देने के लिए Flipkart ने क्या पहल की? इस बारे में Flipkart के हेड-मार्केटप्लेस जगजीत हरोदे का कहना है कि Flipkart में हमारे सभी विक्रेता एक परिवार के रूप में शामिल हैं और हम उनके व्यापार को बढ़ाने को लेकर प्रतिबद्ध हैं।
नई दिल्ली
MSME को बढ़ावा देने के लिए Flipkart ने क्या पहल की? इस बारे में Flipkart के हेड-मार्केटप्लेस, जगजीत हरोदे का कहना है कि Flipkart में हमारे सभी विक्रेता एक परिवार के रूप में शामिल हैं और हम उनके व्यापार को बढ़ाने को लेकर प्रतिबद्ध हैं। आज Flipkart मार्केटप्लेस पर 3,00,000 से अधिक विक्रेता हैं जिनमें से 95 फीसदी विक्रेता MSME सेक्टर से हैं। हम उत्पादों का चयन, मूल्य निर्धारण तथा मार्केटिंग में इनकी सहायता करते हैं। हम देश भर में ‘ग्रोथ कैपिटल’ के माध्यम से MSME संस्थाओं को निवेष पूंजी की सुविधा दे रहे हैं ताकि उनको वित्तीय सवतंत्रता मिल सके, साथ ही कैटलॉग और अन्य परिचालन संबंधी जरूरतों से मदद भी कर रहे हैं।
इस योजना के तहत उद्योगों को आर्थिक प्रतिष्ठानों से 9 फीसदी तक ब्याज पर ऋण मिल रहा है। ‘अर्ली सेटलमेंट’ सुविधा का फायदा उठाकर एक विक्रेता को नकदी प्रवाह और खरीद आवश्यकताओं में मदद मिलती है। ‘Flipkart सेलर प्रोटेक्शन फंड’ उन्हें अनुचित नुकसान से बचाते हुए मुआवजे की सुविधा प्रदान करता है। ‘फ्लिपकार्ट समर्थ’ पहल के जरिए 27 राज्यों में MSME उद्योगों को विकास के लिए सहायता दी जा रही है।
छोटे विक्रेताओं को डिजिटल कॉमर्स की सुविधा कैसे दी जा रही है?
Flipkart मार्केटप्लेस पर सेलर्स के जुड़ने की प्रक्रिया बहुत सरल है। Flipkart टीम की तरफ से विक्रताओं को ऑर्डर लेना, मार्केट इंटेलिजेंस, जीएसटी, टैक्स रिटर्न और वित्तिय सेवाओं में सहयोग किया जाता है। कोविड के दौरान विक्रेताओं को सुरक्षा और व्यापार में सुविधा के लिए वेबिनार का आयोजन किया गया है।
Flipkart द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों, महिला विक्रेताओं, कारीगरों, बुनकरों जैंसे विक्रेताओं के लिए क्या प्रयास किए जा रहे हैं?
‘फ्लिपकार्ट समर्थ’ कार्यक्रम के तहत ग्रामीण और अन्य व्यवसायों की मदद की जा रही है, ताकि वे पूरे देष भर में ई-कॉमर्स के जरिए अपना प्रोडक्ट बेच सकें। महिलाओं के नेतृत्व वाले उद्यमों को Flipkart की तरफ से विशेष सहयोग मिल रहा है। इस कार्यक्रम की सफलता का नतीजा है कि पिछले वर्ष की तुलना में इस बार कार्यक्रम के भागीदारों की संख्या में 12 गुना वृद्धि देखी गई। इससे करीब 7,50,000 लाभार्थियों को सक्षम बनाया जा सका है।