पश्चिम बंगाल में तृणमूल कार्यकर्ता की शिकायत के बाद कोलकाता पुलिस ने बीजेपी नेता और विधानसभा चुनाव में स्टार प्रचारक रहे मिथुन चक्रवर्ती और राज्य बीजेपी चीफ दिलीप घोष के खिलाफ केस दर्ज किया है। टीएमसी कार्यकर्ता ने दो दिन पहले दर्ज कराई अपनी शिकायत में मिथुन और घोष को बंगाल में हिंसा और शांति भंग करने के लिए उकसाया है।
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक टीएमसी ने दावा किया है कि इन दोनों नेताओं ने विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान भड़काऊ भाषण दिए थे। टीएमसी कार्यकर्ता की शिकायत के आधार पर कोलकाता पुलिस ने आईपीसी की धारा 153 (ए), 504 और 505 के तहत दोनों नेताओं के खिलाफ केस दर्ज किया है। रिपोर्ट के मुताबिक केस पर दिलीप घोष की ओर से कोई बयान सामने नहीं आया है। वहीं, मिथुन चक्रवर्ती के वकील ने कहा कि एफआईआर की कॉपी मिलने के बाद हम हाई कोर्ट जाएंगे। वहीं, हरोड़ा पुलिस ने पिछले महीने विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान दर्ज एक केस को लेकर केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रीयो को समन भेजा है और पूछताछ के लिए बुलाया है।
दूसरी ओर रविवार को बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के एक अनुरोध पर फिरहाद हकीम, सुब्रत मुखर्जी, मदन मित्रा और सोवन चटर्जी के खिलाफ मामला चलाने की मंजूरी दे दी है। ये सभी उस समय मंत्री थे जब कथित नारद स्टिंग टेप सामने आया था। यह जानकारी राज भवन के एक अधिकारी ने रविवार को दी। राजभवन की ओर से बताया गया कि राज्यपाल कानून के संदर्भ में मंजूरी प्रदान करने के लिए सक्षम प्राधिकारी हैं क्योंकि वे संविधान के अनुच्छेद 164 के संदर्भ में ऐसे मंत्रियों की नियुक्ति प्राधिकारी हैं।
2014 में चारों ममता कैबिनेट में मंत्री थे
ये चारों 2014 में तब ममता बनर्जी कैबिनेट में मंत्री थे जब टेप कथित तौर पर बनाए गए थे। हाल ही में संपन्न विधानसभा चुनावों में हकीम, मुखर्जी और मित्रा तृणमूल कांग्रेस के फिर से विधायक चुने गए हैं, जबकि भाजपा में शामिल होने के लिए टीएमसी छोड़ चुके चटर्जी ने दोनों पार्टियों के साथ संबंध तोड़ लिए हैं।
क्या था नारद स्टिंग?
नारद स्टिंग टेप पश्चिम बंगाल में 2016 के विधानसभा चुनावों से पहले सार्वजनिक किए गए थे। दावा किया गया था कि इन्हें 2014 में बनाया गया था और इसमें टीएमसी के मंत्री, सांसद और विधायक की तरह दिखने वाले व्यक्तियों को कथित रूप से वादा किए गए अनुग्रहों के बदले में एक काल्पनिक कंपनी के प्रतिनिधियों से धन प्राप्त करते दिखाया गया था। स्टिंग ऑपरेशन कथित तौर पर नारद न्यूज पोर्टल के मैथ्यू सैमुअल द्वारा किया गया था। कलकत्ता हाई कोर्ट ने मार्च, 2017 में स्टिंग ऑपरेशन की सीबीआई जांच का आदेश दिया था।